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मेरा काव्य-पिटारा
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शुक्रवार, 28 सितंबर 2018
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न नौ मन तेल होगा,न राधा नाचेगी ------------------------------------------ (कुछ प्रतिक्रियाएं ) १ राधा को नाचना तो नहीं आता...
3 टिप्पणियां:
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चार पंक्तियाँ-४ लाख छुट्टियां काटो ,फाइव स्टार होटल में , सुकून तो अपने घर ,जाकर ही मिलता है पचीसों व्यंजन का ,बफे डिनर खालो पर , चैन अप...
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शिकायत इस तरह आप हमको सतायेंगे जो दूरियां हमसे इतनी बनाएंगे जो जिंदगी के तरीके बदल जाएंगे हाथ से आपके हम निकल जाएंगे सज संवर कर के जलव...
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चार पंक्तियाँ -३ निश्चित ही उनके मन में कोई चोर छुपा था , आहट जरा सी क्या हुई ,वो चौंकने लगे आदत से अपनी इस तरह लाचार हो गए , हमने कहा जो...
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चार पंक्तियाँ -२ हमने ये कहा रात चुरा चाँद ले गयी , बदली के संग झोंके हवा के फरार है तितली हो मधुमख्खियाँ हो चाहे भ्र्मर हो, फूलों का रस च...
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