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शुक्रवार, 28 सितंबर 2018

शिकायत 

इस तरह आप हमको सतायेंगे जो 
दूरियां हमसे इतनी बनाएंगे  जो 
जिंदगी के तरीके बदल जाएंगे 
हाथ से आपके हम निकल जाएंगे 

सज संवर कर के जलवा दिखाते हमे 
रूप का फेंक पासा ,लुभाते  हमें 
आग मन में मिलन की सुलग जाती जब ,
कुछ बहाने बना कर सताते हमे 
देखिये ऐसे हम ना बहल पाएंगे 
हाथ से आपके हम निकल जाएंगे 

हाथ जो मैं रखूँ तो हटा देते तुम 
फेर कर मुंह हमसे ,पलट जाते तुम 
ऐसा क्या है पता ना तुम्हे हो गया  
कोई जिद मैं करूँ तो बिगड़ जाते तुम 
कोई और मिल गया ,हम फिसल जाएंगे 
हाथ से आपके हम निकल जाएंगे 

घोटू 

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