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मेरा काव्य-पिटारा
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शनिवार, 28 मार्च 2015
पापा तो पापा रहते है
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पापा तो पापा रहते है अपनी पीड़ा खुद सहते है नहीं किसी से कुछ कहते है बच्चे बदल जाए कितने भी, पापा तो पापा रहते है मन में ममता ,प्रेम ...
नव निर्माण
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नव निर्माण धराशायी पुरानी जब ,इमारत कोई होती है , तभी तो उस जगह फिर से ,नया निर्माण होता है बिना पतझड़ ,नय...
पड़ोसन भाभी
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पड़ोसन भाभी कल पड़ोसन ने शिकायत दागी भाईसाहब ,मैं तो बहुत छोटी हूँ, फिर आप मुझे क्यों कहते है भाभी हमने कहा आपकी बात सही है आप छोट...
पैसे तेरे रूप अनेक
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पैसे तेरे रूप अनेक साधू कहते तुझको 'माया' मंदिर में कहलाय 'चढ़ावा ' बीबी मांगे कह कर' खर्चा' सभी तरफ है तेर...
2 टिप्पणियां:
गाँठ
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गाँठ अगर प्रेम के धागे कभी टूट जाते है भले गाँठ पड़ जाती लेकिन जुड़ जाते है शादी का बंधन है जनम जनम का बंधन ये रिश्ता तब बनता ज...
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