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शनिवार, 28 मार्च 2015

गाँठ

             गाँठ
अगर प्रेम के  धागे  कभी टूट जाते है
भले गाँठ पड़ जाती लेकिन जुड़ जाते है
शादी का बंधन है जनम जनम का बंधन
ये रिश्ता तब बनता जब होता गठबंधन
अगर गाँठ में पैसा तो दुनिया झुकती है
बात गाँठ में बाँधी ,सीख हुआ करती  है
लोग गांठते रहते  मतलब की यारी है
रौब गांठने वाले  बाहुबली  भारी   है
किसी सुई में जब भी धागा जाय पिरोया   
बिना गाँठ के ,फटा वस्त्र ना जाता सिया
कंचुकी हो   या साड़ी ,सबके मन भाते है
बिना गाँठ के ,ये तन पर ना टिक पाते है
बिना गाँठ के नाड़ा ,रस्सी का टुकड़ा है
गाठों के ही बंधन से संसार  जुड़ा  है
खुली गाँठ,कितने ही राज खुला करते है
गाँठ बाँध ,रस्सी पर सीढ़ी से चढ़ते है
बाहुपाश भी तो एक गांठों का बंधन है
गाँठ पड़  गयी तो क्या,जुड़े जुड़े तो हम है
घोटू

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