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मेरा काव्य-पिटारा
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मंगलवार, 31 जुलाई 2012
कुछ पंक्तियाँ
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ज़िन्दगी में सभी की , अफ़साने बहुत हैं सुनाने को अब भी तराने बहुत हैं किसी के पास सर छुपाने को छत भी नहीं तो किसी के पास आशियाँ बनान...
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बुधवार, 18 जुलाई 2012
एक कदम पीछे हटा कर देखिये
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एक कदम पीछे हटा कर देखिये एक कदम पीछे हटा कर देखिये, मुश्किलें सब खुद ब खुद हट जायेगी अहम् अपना छोड़ पीछे जो हटे, ...
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दुनिया की रंगत देख ली
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i दुनिया की रंगत देख ली क्या बतायें,क्या क्या देखा,जिंदगी के सफ़र में, बहुत कुछ अच्छा भी देखा,बुरी भी गत देख ली भले ...
मंगलवार, 17 जुलाई 2012
कार चाहिये
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कार चाहिये आदमी में होना अच्छे संस्कार चाहिये प्रेमभाव मन में हो,नहीं विकार चाहिये बुजुर्गों की करना सेवा ,सत्कार चाहिये नहीं...
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सोमवार, 16 जुलाई 2012
चार चतुष्पदी
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चार चतुष्पदी १ बाजुओं में आपके होना बहुत दम चाहिये जिंदगानी के सफ़र में सच्चा हमदम चाहिये अरे'मै'मै...
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