सही में किसी के पास है तो बहुत और नहीं है तो एकदम नहीं ...बड़ी खाई ...
बहुत खूब !
dhanyawaad
ये जीवन की रीत है ...
ग़ैरों को भला समझे और मुझ को बुरा जाना..समझे भी तो क्या समझे जाना भी तो क्या जाना।
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।
सही में किसी के पास है तो बहुत और नहीं है तो एकदम नहीं ...
जवाब देंहटाएंबड़ी खाई ...
बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंdhanyawaad
हटाएंये जीवन की रीत है ...
जवाब देंहटाएंग़ैरों को भला समझे और मुझ को बुरा जाना..
जवाब देंहटाएंसमझे भी तो क्या समझे जाना भी तो क्या जाना।