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kavita
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शुक्रवार, 25 जनवरी 2013
कर तो लो आराम
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रंजिश में ही बीत गई है तेरी तो हर शाम, छुट्टी लेकर बैर भाव से, कर तो लो आराम | आपा-धापी, भागम-भाग में, ठोकर खाकर, गिर संभल...
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रविवार, 16 दिसंबर 2012
गम लिया करते हैं
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दाव में रखकर अपनी जिंदगी को हर वक़्त हर घड़ी, सहम-सहम के लोग आज ये जिंदगी जिया करते हैं | सौ ग्राम दिमाग के साथ दस ग्राम दिल भी नही...
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मंगलवार, 14 अगस्त 2012
एक कतरा लहू का मेरे बस देश के काम आये
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नहीं चाहता मखमल के गद्दे में मुझको आराम आये, नहीं चाहता व्यापार में मेरा कोई बड़ा दाम आये, चाहत मेरी बड़ी नहीं बस छोटी सी ही है, ...
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एक प्रश्न
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खुशियाँ आज़ादी की हर वर्ष मानते हैं, पर हजारों गुलामी ने अब भी है घेरा; फूल कई रंगों के हम अक्सर हैं लगाते, पर मन में फूलों...
सोमवार, 13 फ़रवरी 2012
प्रेमोत्सव या प्रेम का व्यापार
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आज सुबह समाचार पत्र पर अचानक से नजर पड़ी, "वेलेनटाईन डे की तैयारी" शीर्षक कुछ अटपटा सा लगा। हृदय मे कुछ दुविधा उठी, मन ही मन ...
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