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नारी
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शनिवार, 30 अप्रैल 2022
नारी का श्रृंगार तो पति है
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BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN: नारी का श्रृंगार तो पति है : नारी का श्रृंगार तो पति है पति पर जान लुटाए एक एक गुण देख सोचकर कली फूल सी खिलती जा...
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बुधवार, 22 फ़रवरी 2012
नारी
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क्यों भूल जाते हैं उस सत्य को जो, हर किसी के जीवन का अंश है, जिसके होने से ही दुनिया है, देश है,परिवार है और आने वाला वंश है | ...
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शनिवार, 14 जनवरी 2012
मुझे जन्म दो
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(यह कविता मेरे द्वारा लिखी हुई नहीं है, पर एक डॉक्टर के क्लिनिक में मैंने इसे देखा तो सोचा की सबके साथ साझा करना चाहिए और मैंने इसे लिख लि...
2 टिप्पणियां:
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