पृष्ठ

शनिवार, 14 जनवरी 2012

मुझे जन्म दो


(यह कविता मेरे द्वारा लिखी हुई नहीं है, पर एक डॉक्टर के क्लिनिक में मैंने इसे देखा तो सोचा की सबके साथ साझा करना चाहिए और मैंने इसे लिख लिया | कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए सबको जागरूक करने हेतु इस रचना का प्रयोग किया जाता है |


हुमक हुमक गाने दो मुझको,
यूँ मत मर जाने दो मुझको,
जीवन भर आभार करुँगी,
माँ मैं तुमसे प्यार करुँगी,
मैं तेरी ही बेटी हूँ माँ,
मुझे जन्म दो, मुझे जन्म दो |

मैं भी तो हूँ अंश तुम्हारा,
मैं भी तो हूँ वंश तुम्हारा,
पापा को समझाकर देखो,
सारी बात बताकर देखो,
बिगड़ा है अनुपात बताओ,
क्या होंगे हालात बताओ,
फिर भी अगर न माने पापा,
रोउंगी मनुहार करुँगी,
जीवन भर आभार करुँगी,

मुझे जन्म दो, मुझे जन्म दो |


लक्ष्मी बाई, मदर टेरेसा,
क्या कोई बन पाया वैसा,
मत कहना एक धाय है पन्ना,
ममता का अध्याय है पन्ना,
ये बातें बतलाओ अम्मा,
दादी को समझाओ अम्मा,
सब गुण अंगीकार करुँगी,
जीवन भा आभार करुँगी,

मुझे जन्म दो, मुझे जन्म दो |

अन्तरिक्ष में जाकर के माँ,
रोशन तेरा नाम करुँगी,
जो-जो बेटे कर सकते हैं,
हर वो अच्छा काम करुँगी,
नाम से तेरी जानी जाऊं,
ये मैं बारम्बार करुँगी |
माँ मैं तुमसे प्यार करुँगी,
मुझे जन्म दो, मुझे जन्म दो |

2 टिप्‍पणियां:

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।