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सोमवार, 10 जून 2024

जय जय जय बजरंगी


जय जय जय बजरंगी 

बोलो जय जय जय बजरंगी

अतुलित बल के धाम प्रभु तुम,

 सिया राम के संगी 

बोलो जय जय जय बजरंगी 


बालपने में समझ मधुर फल 

सूर्य देव को गए तुम निगल 

धरती पर अंधियारा छाया 

उगला सूरज ,त्रास मिटाया 

राम भटकते थे वन वन में 

सीता हरण किया रावण ने 

तब तुमने प्रभु सागर लांघा 

पता लगाया सीता मां का 

तुमने बजा दिया निज डंका 

दहन करी सोने की लंका

राम और रावण युद्ध हुआ जब

सब पर भारी आप पड़े तब

मेघनाथ ने मारा आयुध

नागपाश बंध लक्ष्मण बेसुध 

उड़ लाए संजीवनी बूटी 

सेवा थी यह बड़ी अनूठी 

मेरे लिए कहीं से ला दो 

 बूटी रंग बिरंगी 

जय जय जय बजरंगी 

बोलो जय जय जय बजरंगी 


प्रभु तुम हो नव निधि के दाता 

तुम हो मेरे भाग्य विधाता 

कब से तुमको पूज रहा हूं 

बीमारी से जूझ रहा हूं 

थोड़ा सा उपकार करो प्रभु 

मेरा भी उपचार करो प्रभु 

जैसे तुमने लंका जारी 

भस्म करो मेरी बीमारी 

जैसे तुमने खोजी सीता 

खोजो ऐसा कोई तरीका 

मेरा दुख दारुण मिट जाए 

और स्वास्थ्य की सीता आए 

जो लक्ष्मण हित लाए बूटी 

लाओ मेरे हित दवा अनूठी 

मेरे त्रास मिटा दो हनुमन 

कर दो तबीयत चंगी 

जय जय जय बजरंगी 

बोलो जय जय बजरंगी 


मदन मोहन बाहेती घोटू

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