मैं कल की चिन्ता छोड़
हंसी खुशी की जिंदगी जीता आज हूं
इसलिये खुश मिजाज हूं
कल जो होना है सो होगा
यह नियती ने कर रखा है निश्चीत
तो कल की कल भोगेंगे
आज तो रहो प्रसन्न चित्त
भविष्य की चिन्ता में
अपने सर पर परेशानियां मत ओढ़ो
आज का पूरा सुख लो
कल क्या होगा,कल पर छोड़ो
सबसे हंस कर मिलता हूं
किसी से नहीं रहता नाराज़ हूं
इसीलिए खुश मिजाज हूं
भविष्य की सोच सोच
अपने चेहरे पर शिकन मत लाओ
प्रेम से जियो, हंसो,
खेलो कूदो और खाओ
याद रखो,आज जो जीवन जी लोगे
कल नहीं जी पाओगे
जो खुशियों के अवसर खो दोगे
बाद में पछताओगे
जो है,उसी में खुश रहता हूं
न किसी की दया का मोहताज हूं
इसलिए खुश मिजाज़ हूं
मदन मोहन बाहेती घोटू
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।