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मंगलवार, 29 जून 2021

एक फूल की जीवन यात्रा 

केश की शोभा बन, रूपसी बाला के ,
सुंदर से बालों पर सजता सजाता हूं 
केशव की मूरत को, फूलों की माला में,
गुंथ कर मैं पूजन में, पहनाया जाता हूं 
या अंतिम यात्रा में ,मानव के जीवन की,
 शव पर में श्रद्धा से ,किया जाता अर्पित हूं
 केश से केशव तक ,जीवन से ले शव तक 
 मानव की सेवा में , सर्वदा समर्पित हूं

घोटू

1 टिप्पणी:

  1. जितने फूल तोड़े जाते हैं
    असल में तो क़त्ल ही किये जाते हैं।
    अच्छी रचना।

    पुलिस के सिपाही से by पाश
    ब्लॉग अच्छा लगे तो फॉलो जरुर करना ताकि आपको नई पोस्ट की जानकारी मिलती रहे.

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