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रविवार, 25 अक्टूबर 2020

भये प्रकट कृपाला

कल मुझे नज़र आया ,
एक विचित्र सा  साया
जिसके सर के दोनों तरफ ,
ढेर सा  बोझा लटक रहा था
वह बौखलाया सा ,
इधर उधर भटक रहा था
मैंने पूछा ,आप कौन है ,
क्या है आपकी पहचान
वो बोला ,अरे मुझे पहचाना नहीं ,
मैं रावण हूँ श्रीमान
मैंने पूछा ,आपके सर पर ये लदा क्या है
बोला एक तरफ झूंठ है ,आतंकवाद है ,
विस्तारवादी नीतियां है
और दूसरी तरफ बारूद है ,हथियार है ,
 और युद्ध  के लिए ,मिसाइलें तैयार है
दोनों तरफ विनाश ही विनाश है
बस ,मौके की तलाश है
मैं पहले आपके पड़ोस लंका में ही रहता था
जमाना मुझे रावण कहता था
पर जब से मुझे आपके राम ने है मारा
मैं ,उसका प्रेत
बोझा समेत ,
भटक रहा हूँ बेचारा
आपके ही देश के आसपास
कभी पकिस्तान में ,
कभी चीन में है मेरा वास
मैंने कहा तो फिर क्यों
होरहे हो इतने बदहवास
वो बोला मैं बहुत भयभीत हूँ और परेशान
सुना है हिन्दुस्थान में ,
फिर से प्रकट हो गए है राम
नरेंद्र मोदी है जिनका नाम
कहीं फिर से न कर दे मेरा काम तमाम

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

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