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शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

  कोरोना - तीन   सवैये
  १
दीनी मचाई  त्राहित्राहि सारे जग माही ,चीन तूने 'चीट 'कियो कछु ऐसो
फैल रह्यो दिन  दूनो दानव सो पग पसार ,चीन तूने कीट दियो कछु  ऐसो  
मन है उदास ,कोई आये नहीं पास, त्रास , वाइरस ढीठ दियो  कछु  ऐसो
 आई जानी मानी इकोनॉमी पे सुनामी जैसे ,चीन तूने पीट दियो कछु ऐसो


ठीक से भी सांस नहीं,आवत जावत रही ,मुंह पे  ऐसो कपडा को बंधन अड्यो है
 आफत ये दुहरी है ,आवत नहीं महरी है ,काम घर को सब खुद करनो  पड्यो है
घर पर ही रुको, नहीं बाहर  निकल सको ,सड़क  पे  डंडा लिए ,दरोगा   खड्यो  है
दिन में भी सोनो ,दुखी होके चैन खोनो  ,ऐसो कारण कोरोना के  रोनो पड्यो  है

हुई जबसे तालाबंदी ,लगी सभी पे पाबंदी हालत हुई चिन्दी चिन्दी अब जल्दी ना सुधरनी
नाई नहीं बड़े केश ,धोबी नहीं बिगड़ा भेष ,रहे मन में कलेश,चीन ऐसी तेरी करनी
 घर के जो राजा, करे आज बासन मांजा ,काम करो सारे साजा ,खुश रहे तभी घरनी
ऐसी आई मजबूरी ,बना रखो सबसे दूरी ,ऐसा करना है जरूरी ,ये है कोरोना को हरनी

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

मदन मोहन बाहेती ;घोटू '









 

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