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शुक्रवार, 15 नवंबर 2019

मैं हूँ तुम्हारा चरणदास

हे प्रिये तुम्हारा सेवक मैं ,हूँ चाटुकार और देवीदास
मैं युवा रहूँ करने सेवा ,नित खाया करता च्यवनप्राश
नाचूँ तुम्हारे इशारों पर ,फिर भी तुम डालो नहीं घास
हे देवी मुझ पर कृपा करो ,मैं  हूँ तुम्हारा  चरणदास
तुम प्रिये सदा संतुष्ट रहो
मुझसे न कभी भी रुष्ट रहो  
 मन मुदित हमेशा  आनंदित
चेहरा हरदम पुलकित पुलकित
हो अधर सदा मुस्कान लिए
 हो रूप सदा आव्हान लिए  
आँखों में प्यार उमड़ता हो
चंचलता और चपलता  हो
चंदा से प्यारे चेहरे पर ,रसगुल्ले जैसी हो मिठास
हे देवी मुझ पर कृपा करो ,मैं हूँ तुम्हारा चरणदास  
सर पर बदली से इठलाते
हो केश हवा मेंऔर मैं  लहराते
उन्मुक्त मचलता यौवन हो
और देह तुम्हारी चंदन हो
हिरणी सी चाल बड़ी प्यारी
हर सांस साँस में सिसकारी
 यह रूप जवानी की हाला
पी रहूँ सदा मैं  मतवाला
तुम कली और मैं अली बन कर ,मँडराऊ तुम्हारे आसपास
हे देवी मुझ पर कृपा करो ,मैं हूँ तुम्हारा चरणदास
बीते जीवन उल्हास भरा
कुछ हास और परिहास भरा  
मस्ती हो मौज ,सरसता हो
पल पल बस प्यार बरसता हो
चिंता न मन में किंचित हो
जीवन सुखमय ,आनंदित हो
हम भोगें  सब सुख जीवन के
अरमां सब पूरे हो मन के
जी करता हमतुम रहें पास आपस में बांधे बाहुपाश  
हे देवी मुझ पर कृपा करो ,मैं  हूँ तुम्हारा चरणदास

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

1 टिप्पणी:

  1. बहुतखूब आदरणीय घोंटूजी पत्नी वंदना हो तो ऐसी, अन्यथा ना हो 👌👌👌। शुभकामनाएँ , आपकी ये चरण सेवा अटल हो, अक्षुण्ण हो और जिनका साथी इतनी प्यारी अभयर्थना करता हो, उनका सौभाव्य बना रहे ☺☺☺💐💐💐




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