परेशानियां -पति पत्नी की
हर पत्नी से पति परेशान
हर पति से पत्नी परेशान
फिर भी एकदूजे पर आश्रित ,
एक दूजे बिन ना चले काम
पत्नी कहती ये ऐसे है
मत पूछो ये कि कैसे है
घर में ही सदा घुसे रहते,
कुवे के मेंढ़क जैसे है
रत्ती भर काम नहीं करते ,
बस ऑर्डर देते रहते है
मैं एक जान,सौ करू काम,
ये मुझे छेड़ते रहते है
मैं इनसे कहूँ चलो पिक्चर ,
ये सो जाते है खूँटी तान
हर पति से पत्नी परेशान
हर पत्नी से पति परेशान
पति कहता है पत्नी ऐसी
कर दी मेरी ऐसी तैसी
खुद को ऐश्वर्या समझे है
और फूल रही टुनटुन जैसी
है खीर बहुत ये टेढ़ी सी,
दिखने में सीधी दिखती है
तितली जैसी उड़ती फिरती ,
घर पर मुश्किल से टिकती है
है चीज बहुत ये बातूनी,
कैंची जैसी चलती जुबान
हर पत्नी से पति परेशान
हर पति से पत्नी परेशान
पति होते लापरवाह बड़े ,
अपना कुछ ख्याल नहीं रखते
पैसे कपड़े, खाने पीने की
साजसँभाल नहीं रखते
अपनी हर गलती का जिम्मा ,
सौंपा करते है पत्नी पर
पति कुछ बोले एक कान सुने ,
और दूजे से कर दे बाहर
चीजे रख जाते भूल स्वयं,
घरभर को करते परेशान
हर पति से पत्नी परेशान
हर पत्नी से पति परेशान
पत्नी खुद पर खर्चा करती ,
बाकी सब पर कंजूसी है
शक्की मिजाज इतनी होती ,
पति पर करती जासूसी है
पति सेवक सास ससुर का है,
करता जो पत्नी की मरजी
पत्नी को अपने सास ससुर ,
से हरदम रहती एलर्जी
पत्नी को देवर ,ननद चुभे,
पति सालीजी पर मेहरबान
हर पति से पत्नी परेशान
हर पत्नी से पति परेशान
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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