पृष्ठ

मंगलवार, 4 अगस्त 2015

हुस्नवाले -एक ग़ज़ल

        हुस्नवाले -एक ग़ज़ल

हुस्न वालो के भी सीने में धड़कता दिल है
बड़ा ही नाजुक है,नायाब,पाना मुश्किल है
बड़े ही सलीके से ,छुपा कर के रखते हैं,
प्यार उनका बड़ी किस्मत से होता हासिल है
बड़ा ही खूबसूरत जिस्म,गजब का जलवा ,
उनकी हर एक अदा ,तारीफों के काबिल है
वो यूं ही मुस्करा के ,कितने कत्ल करते है ,
हमेशा जालिम ही होता नहीं हर कातिल है
गोरी पगथलियां भी ,पांवों में दबी है उनके ,
शान से गाल पे बैठा हुआ, काला तिल है
देख कर उनको ये दिल बल्लियों उछलता है ,
उस पे करने में काबू होती बड़ी मुश्किल है
उनकी 'ना ना' में ही मंजूरी छुपी रहती  है ,
उनके मुंह से 'हाँ 'कहलाना ,बड़ी मुश्किल है
बड़ी मुद्दत से उनकी  आरजू में  बेकल  है ,
बड़ी सूनी पडी'घोटू' ये दिल की महफ़िल है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

1 टिप्पणी:

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।