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रविवार, 19 अप्रैल 2015

मोहब्बत और शादी

           मोहब्बत और  शादी

कभी लैला और मजनू के,कभी फरहाद शीरी के ,
      मोहब्बत करने वालों के ,कई किस्से नज़र आये 
मगर इन सारे किस्सों में ,एक ही बात  है 'कॉमन',
         हुई इनकी नहीं शादी ,या वो शादी न कर पाये
अगर हो जाती जो शादी ,वो बन जाते मियां बीबी ,
        मगर फिरभी रहे कायम ,मोहब्बत असली वो होती
सितम शादीशुदा जीवन के, हंस कर झेलते रहना ,
        और उस पे उफ़ भी ना करना ,शहादत असली वो होती
मोहब्बत के लिए कुरबान  होना,बात दीगर है,
         निभाना साथ ,शादी कर,बड़ा है काम हिम्मत का
भाव जब दाल आटे  के,पता लगते है तो सर से,
         बहुत जल्दी उतर  जाता ,चढ़ा जो भूत  उल्फत  का

मदन मोहन बाहेती'घोटू' 

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