घोटू के पद
मैया,बहुत बुरे दिन आये
ऐसे काटे पर जनता ने ,अब हम उड़ ना पायें
चौंवालीस पर सिमट गए हम,इतने नीचे आये
अपनी ही करनी का फल है ,क्या होगा पछताये
कभी बोलती थी तूती अब 'फुस'भी नहीं सुनाये
जो चमचे मुंह खोल न पाते ,अब खुल कर चिल्लाये
अपनी ही पार्टी वाले अब ,'जोकर'मुझे बताये
बेटे फेर समय का है ये तू क्यों दिल पर लाये
'जोकर'मतलब 'जो कर सकता'मम्मी जी'समझायें
फिर से अच्छे दिन आएंगे,जब तू ब्याह रचाये
घोटू
मैया,बहुत बुरे दिन आये
ऐसे काटे पर जनता ने ,अब हम उड़ ना पायें
चौंवालीस पर सिमट गए हम,इतने नीचे आये
अपनी ही करनी का फल है ,क्या होगा पछताये
कभी बोलती थी तूती अब 'फुस'भी नहीं सुनाये
जो चमचे मुंह खोल न पाते ,अब खुल कर चिल्लाये
अपनी ही पार्टी वाले अब ,'जोकर'मुझे बताये
बेटे फेर समय का है ये तू क्यों दिल पर लाये
'जोकर'मतलब 'जो कर सकता'मम्मी जी'समझायें
फिर से अच्छे दिन आएंगे,जब तू ब्याह रचाये
घोटू
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।