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शनिवार, 22 दिसंबर 2012

जीवन पथ

               जीवन पथ 

जीवन की इतनी  परिभाषा
कभी धूप है,कभी कुहासा
      आते मौसम यहाँ सभी है
      पतझड़ कभी ,बसंत कभी है
      कभी शीत से होती सिहरन
       लू से गरम ,कभी तपता तन
देता पावस कभी दिलासा
जीवन की इतनी परिभाषा
             जीवन में संघर्ष बहुत है
             पीड़ा भी है,हर्ष बहुत है
             सुख दुःख दोनों का ही संगम
              होता है जीवन का व्यापन
कभी खिलखिला ,कभी रुआंसा
जीवन की इतनी परिभाषा 
             फूल खिलेंगे ,कुम्हलाएँगे
              भले बुरे सब दिन आयेंगे
              पथ है दुर्गम,कितनी मुश्किल
             चलते रहो ,मिलेंगी  मंजिल
बुझने मत दो ,मन की आशा
जीवन की इतनी परिभाषा 

मदन मोहन बाहेती'घोटू'
      

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