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गजल - दिलबाग विर्क
इस दिल ने नादानी में
आग लगा दी पानी में ।
वा'दे सारे खाक हुए
आया मोड़ कहानी में ।
तेरी याद चली आए
है ये दोष निशानी में ।
कब उल्फत को समझ सके
लोग फँसे नादानी में ।
या रब ऐसा क्यों होता
दुख हर प्यार कहानी में ।
टूटा दिल, बहते आँसू
पाए विर्क जवानी में ।
* * * * *
बेहतरीन बहुत सुंदर गजल,...
जवाब देंहटाएंविर्क जी ऐसा ही होता है
जवाब देंहटाएंदिल की इस नादानी में .....:))
सुंदर ग़ज़ल .....
बहुत अच्छी ग़ज़ल....
जवाब देंहटाएंलाजवाब!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंबधाई महोदय ||
शुभकामनाएं --
छोटी बहर में लिखी कमाल की गज़ल है ... हर शेर पैना पन लिए ...सुभान अल्ला ...
जवाब देंहटाएंभावमयी गज़ल्।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंवाह! वाह! वाह!
भू वाह ... छोटी बहर की लाजवाब गज़ल ... कमाल का लिखा है ... बधाई ...
जवाब देंहटाएंwah.
जवाब देंहटाएंऐसा ही होता भाई ,हर एक प्रेम कहानी में ,छोटी बहर की सुन्दर ग़ज़ल .
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