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शनिवार, 10 सितंबर 2011

कैसा घर

यह कैसा घर ?
जहॉ बिस्तर पर उगी है नागफनी
आंगन में घूमते हैं संपोले
सोफे पर बिखरी हैं चींटियॉ,
खूंटी पर टंगे हैं रिश्ते
बालकनी में लटका है भरोसा,
बाथरूम की नाली में बह गयी हैं परंपरायें

दीमकों ने चाट लिये हैं

सुरक्षा के तने,

संस्कारो को निगलता टेलीविजन,
और पूजाघर में
कुछ इस तरह बंसी बजाते श्री कृश्ण
जैसे रोम के जलने पर
बंसी बजाता रहा था
वहॅा का शासक नीरो
सचमुच कैसा है यह घर ?

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सारगर्भित रचना |बहुत सारगर्भित रचना |

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  2. बहुत बहुत बधाई --
    इस प्रस्तुति पर ||

    जवाब देंहटाएं
  3. Pradeepji air ravilar ji
    poat par aane ke liye aabhar.
    http://fresh-cartoons.blogspot.com/2011/09/blog-post.html?showComment=1315836137559&m=1#c3302303393075030713

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