पृष्ठ
(यहां ले जाएं ...)
काव्य संसार (फेसबुक समूह)
काव्य संसार (फेसबुक पृष्ठ)
हिंदी
मेरा फेसबुक पृष्ठ
ब्लॉग"दीप"
चर्चा मंच
नयी पुरानी हलचल
मेरा काव्य-पिटारा
▼
सोमवार, 24 मार्च 2025
मुक्तक 1 नहीं कुछ हाथ लगना है, तो गम खाने से क्या होगा जहां ना दाल गलनी है ,वहां जाने से क्या होगा यही वह सोच है जो रोकती है, हमको पाने से, चुग गई खेत जब चिड़िया, तो पछताने से क्या होगा 2 सकेगा रोक ना कोई ,लिखा होगा जो किस्मत में परेशान व्यर्थ होते हो, किसी की यूं ही चाहत में अगर जो ना मिला कोई, तुम्हें जीते जी दुनिया में तुम्हारी चाह,बन कर हूर, मिल जाएगी जन्नत में 3 जवानी जब ढलेगी तो , बुढ़�
›
रविवार, 23 मार्च 2025
›
हमेशा मुस्कराएं हम 1 न कोई मेरा दुश्मन है, नहीं कोई विरोधी है फसल ऐसी मोहब्बत की,सभी के दिल में बो दी है कोई ने फेंका पत्थर तो, मैंने उत्त...
›
मेरी फितरत 1 मैं सबसे प्यार करता हूं ,मेरी फितरत बड़ी सादी मैं दादा हूं मगर दादा गिरी मुझको नहीं आती मैं देता सबको इज्जत हूं, मुझे भी मिल...
शुक्रवार, 21 मार्च 2025
›
जिंदगी का सफर 1 हमारी जिंदगानी में मुसीबत आनी जितनी है न तेरी है ना मेरी है, हमारी है वो अपनी है हमें मिलजुल के करना सामना है उनसे लड़ना ...
गुरुवार, 20 मार्च 2025
›
दिव्यन की शादी 1 इधर देखूं ,उधर देखूं , है रौनक मैं जिधर देखूं झील सुंदर में रैफल है,थाम कर मैं जिगर देखूं सजावट शादी मंडप की,महकते फूल खुश...
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें