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गुरुवार, 20 मार्च 2025

दिव्यन की शादी 


1

इधर देखूं ,उधर देखूं , है रौनक मैं जिधर देखूं

झील सुंदर में रैफल है,थाम कर मैं जिगर देखूं

सजावट शादी मंडप की,महकते फूल खुशबू से

बहारें ही बहारें हैं ,मैं जो मन चाहे उधर देखूं 


2

 बताएं क्या तुम्हें रौनक, वो शादी के नजारों की

सजे सब फूल गुलशन के, ओढ़नी ओढ़ तारों की

सभी सजधज के हंसते नाचते और चुस्कियांलेते 

बड़ा ही खुशनुमा माहौल था,महफिल बहारों की

3

बड़ा ही जोश है उत्साह है और चाव है मन में

अनुष्का और दिव्यन बंध रहे हैं प्यार बंधन में

बनाई ब्रह्मा जी ने अपने हाथों उनकी यह जोड़ी,

 दुआ है लहलहाएं,मुस्कुराए, सदा जीवन में


मदन मोहन बाहेती घोटू

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