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मेरा काव्य-पिटारा
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शनिवार, 31 जुलाई 2021
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देर लगा करती है इस जीवन में काम बहुत से , धीरज धर कर ही होते हैं , किंतु लालसा जल्दी पाने की, तो दिन रात लगा करती है बेटा बेटी भाई बहन तो ...
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बदलाव दिल के टूटे बर्तन किस से ठीक कराऊं मुझे गांव में मिलता नहीं ठठेरा कोई ना तो कोई धर्मशाला ना सराय है , मैं तलाशता, मिलता नहीं बसेरा क...
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मैं स्वस्थ हूं हाथ पांव है काम कर रहे चलता फिरता , खुश रहता हूं मौज मनाता और मस्त हूं मैं स्वस्थ हूं ना जोड़ों में दर्द, न मुझको बीपी श...
सोमवार, 26 जुलाई 2021
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बस दो मीठे बोल बोल दो मैं लूखी रोटी खा लूंगा, मत खिलाओ तुम पूरी तलवां भले जलेबी ना खाने दो ,ना खिलाओ गाजर का हलवा मीठा खाने की पाबंदी, डाय...
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बूढ़े बुढ़िया , लिव इन रिलेशन मैं कुछ कहता,वो ना सुनती, वो कुछ कहती ,मैं ना सुनता एक दूसरे को आपस में ,यूं ही सहते हैं लिव इन रिलेशन में...
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