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मेरा काव्य-पिटारा
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शुक्रवार, 31 अगस्त 2018
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खुद का धंधा तुमने बी ए ,एम् ए ,करके ,पायी पगार बस कुछ हज़ार दफ्तर जाते हो रोज रोज , और साहेब डाटते बार बार और गला सूखता नहीं कभी ,यस सर...
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तुम भी कुत्ते ,हम भी कुत्ते तुम भी कुत्ते हम भी कुत्ते आपस में भाई भाई हम ,फिर क्यों होते गुत्थमगुत्थे तुम भी कुत्ते हम भी कुत्ते तुम्हार...
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प्रथम प्रेम की यादें जिधर जिधर से तुम गुजरी थी इस बगिया में , फूल रही है आज वहां की क्यारी क्यारी जहां जहां पर मेंहदी वाले पैर पड़े थे , ...
गुरुवार, 30 अगस्त 2018
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मॉडर्न कवि मिलन वो आये ,उनका स्वागत कर ,हमने पूछा भाई घर का पता ढूढ़ने में कुछ मुश्किल तो ना आई उनने झट से मुस्कराकर निज मोबाईल दिखलाया ब...
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मैं डॉग लवर हूँ मैं भी कुत्ते सा भौंका करता अक्सर हूँ मैं डॉग लवर हूँ मैं कुत्ते सा, मालिक आगे पूंछ हिलाता ...
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