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मेरा काव्य-पिटारा
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सोमवार, 30 जुलाई 2018
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जानवर और मुहावरे कितनी अच्छी अच्छी बातें,हमें जानवर है सिखलाते उनके कितने ही मुहावरे , हम हैं रोज काम में लाते भैस चली जाती...
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भारत देश महान चाहिए पतन गर्त में बहुत गिर चुके,अब प्रगति,उत्थान चाहिए हमको अपने सपनो वाला ,प्यारा हिन्दुस्थान चाहिए ऋषि मुनियों क...
शुक्रवार, 20 जुलाई 2018
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अचार कच्ची सी अमिया ,अगर पक जाती तो मधुर रस से भर जाती निराला स्वाद देती खाने वाले को आल्हाद देती पर बेचारी को ,बाली उमर में रोना पड़ा ...
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बारिश की घटायें -कालेज की छाटाएँ देखो कितनी छायी घटाएं भरी भरी है चंचल है ये ,एक जगह पर कब ठहरी है कई बदलियां ,बरसा करती ,कभी नहीं है और...
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पति ही है वो प्राणी कठिन सास का अनुशासन है और ननद के नखरे देवर के तेवर तीखे है ,और श्वसुर सुर बिखरे बेटा सुनता नहीं जरा भी ,कुछ बोलो त...
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