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सोमवार, 29 मई 2017
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पैसे वाले ऐसे वाले , वैसे वाले खेल बहुतसे खेले खाले चाहे उजले ,चाहे काले लोग बन गए पैसे वाले थोड़े लोग 'रिजर्वेशन'के थोड़े चाल...
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बढ़ती हुई उम्र बढ़ती हुई उमर में अक्सर ,ऐसे हाल नज़र आते है मुंह पोपला सा लगता है, पिछले गाल नज़र आते है कभी फूल सा महकाता मुख,लगता मुरझाया...
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जीने में मुश्किल होती है इतनी सुविधा ग्रस्त हो गयी ,आज हमारी जीवनशैली , कि विपरीत परिस्तिथियों में ,जीने में मुश्किल होती है यूं तो कई सफल...
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दास्ताने मजबूरी कभी हम में भी तपिश थी ,आग थी,उन्माद था , गए अब वो दिन गुजर ,पर भूल हम पाते नहीं तमन्नाओं ने बनाया इस कदर है बावला ,...
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अप्सरा बीबी ज्यों अपने घर का खाना ही ,सबको लगता स्वादिष्ट सदा अपने खटिया और बिस्तर पर,आती है सुख की नींद सदा जैसे अपना हो घर छोटा ,प...
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