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मेरा काव्य-पिटारा
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शुक्रवार, 29 मार्च 2013
आम आदमी
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आम आदमी एक दिन हमारी प्यारी पत्नी जी , आम खाते खाते बोली , मेरी समझ में ये नहीं आता है मुझे ये बतलाओ ,आम आदमी , ...
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बाली
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बाली सुबह उठा ,बोली घरवाली ,क्या मुश्किल कर डाली ढूंढो ढूंढो ,नहीं मिल रही ,मेरे कान की बाली हम बोले ,आ गया ब...
गुरुवार, 28 मार्च 2013
तलाश
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तलाश मै तो दर दर भटक रहा था गिरता पड़ता अटक रहा था इधर झांकता,उधर झांकता सड़कों पर था धूल फांकता गाँव गाँव द्वारे द...
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मज़ा होली का
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मज़ा होली का सुघड पड़ोसन ,कितनी सुन्दर ,आती जाती,मुस्काती है भले तुम्हारे ,मन को भाती ,पर भाभीजी ,कहलाती है लेकिन जब होली आती ...
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बुधवार, 27 मार्च 2013
होली की शुभकामना के साथ........
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चिमटा चला के मारा, बेलन घुमा के मारा फिर भी बचे रहे तो, भूखा सुला के मारा बरसों से चल रहा है, दहशत का सिलसिला ये बीवी ने जिंदगी को, ...
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