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रविवार, 29 अप्रैल 2012
लक्ष्मी जी का परिवार प्रेम
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लक्ष्मी जी का परिवार प्रेम (समुद्र मंथन से १४ रत्न प्रकट हुए थे-शंख,एरावत,उच्च्श्रेवा ,धवन्तरी, कामधेनु,कल्प वृक्ष,इंद्र धनुष,हलाहल,अमृत,म...
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शनिवार, 28 अप्रैल 2012
तेरे हाथों में
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तेरे हाथों में ये तेरा हाथ जिस दिन से,है आया मेरे हाथों में जुलम मुझ पर ,शुरू से ही,है ढाया तेरे हाथों ने तुम्हारे थे बड़े लम्ब...
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खूब बूढों डोकरो होजे-आशीर्वाद या श्राप
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खूब बूढों डोकरो होजे-आशीर्वाद या श्राप पौराणिक कथाओं में पढ़ा था, जब कोई बड़ा या महात्मा, छोटे को आशीर्वाद देता था तो "चिरंजी...
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बेगुनाह की इक आह से तू बर्बाद हो सकता है
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जुर्म करने वाले न भूल जाना जुर्म करके के आसमाँ तेरे हर जुर्म पे नजर रखता है | खुद पे गुमां करने से पहले ये सोच लेना के तुझे भी आ...
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शुक्रवार, 27 अप्रैल 2012
अनंत की खोज
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अनंत की खोज में भटकता ही रहा, पंछी अकेला बस तरसता ही रहा, दर-ब-दर, यहाँ वहाँ, और न जाने कहाँ-कहाँ, जो ढूंढा वो मिला ही नहीं, ...
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