पृष्ठ
(यहां ले जाएं ...)
काव्य संसार (फेसबुक समूह)
काव्य संसार (फेसबुक पृष्ठ)
हिंदी
मेरा फेसबुक पृष्ठ
ब्लॉग"दीप"
चर्चा मंच
नयी पुरानी हलचल
मेरा काव्य-पिटारा
▼
विकास कुमार
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
विकास कुमार
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
शनिवार, 14 जनवरी 2012
›
जिंदगी यूँ ही गुजर रही है , और अँधेरा थम नहीं रहा, दूरियों को मिटाना आसान था कभी , अब दूर तलक शमशान है ... खामोश थे हम बेवजह कभी, अब...
1 टिप्पणी:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें