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लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल "
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लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल "
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सोमवार, 7 नवंबर 2011
सुरमई -सुबह
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आँखें खुली ... अँधेरा सा लगा कमरे से जब बहार आया सूरज की लाल -लाल किरणे मद्धम -मद्धम आसमान को निगल रहा था पड़ोस में ...
शुक्रवार, 7 अक्टूबर 2011
एक दीप अँधेरे में ...
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एक दीप अँधेरे में ... बरसों से मंदिर के कपाट में एक दीप अँधेरे में जल रहा है रोशनी की तलाश में भटककर खुद से लड़ रहा है क...
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