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शनिवार, 30 अप्रैल 2022
नारी का श्रृंगार तो पति है
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BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN: नारी का श्रृंगार तो पति है : नारी का श्रृंगार तो पति है पति पर जान लुटाए एक एक गुण देख सोचकर कली फूल सी खिलती जा...
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रविवार, 10 अप्रैल 2022
आई माई मेरी अम्मा है प्राण सी
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रूपसी थी कभी चांद सी तू खिली ओढ़े घूंघट में तू माथे सूरज लिए नैन करुणा भरे ज्योति जीवन लिए स्वर्ण आभा चमक चांदनी से सजी गोल पृथ्वी झुलाती ज...
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शनिवार, 9 जनवरी 2016
हमसफर न हुए
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चंद कदम भर साथ तुम रहे, संग चल कर हमसफर न हुए, पग पग वादा करते ही रहे, होकर भी एक डगर न हुए । तेरी बातें सुन हँसती हैं आँखें, ...
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शनिवार, 1 दिसंबर 2012
तेरे ईश्क़ में जालिम बदनाम हो गए
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बेपर्दा तो अब हम सरेआम हो गए, तेरे ईश्क़ में जालिम बदनाम हो गए | सम्मोहन विद्या तूने ऐसी चलाई, दो पल में हम तेरे गुलाम हो गए | ...
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