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गुरु
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बुधवार, 5 सितंबर 2012
गुरु की महिमा
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गुरु की महिमा क्या कहूँ, शब्दों से न कह पाते हैं; इत्र ज्यों तन को महकाए, ये जीवन महका जाते हैं| जीने का ढंग बतलाते हैं, पाठ क...
1 टिप्पणी:
सोमवार, 5 सितंबर 2011
तस्मेव श्री गुरुवे नम:
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गुरु की महिमा क्या कहूँ, कह न पाऊँ मित्र | जीवन को महकाते हैं, तन को जैसे इत्र || सीखलाते हैं पाठ ये, जीने का भी ढंग | बतलाते जीव...
3 टिप्पणियां:
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