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सोमवार, 26 मई 2025

हनुमान भजन 

हनुमान मेरे, हनुमान मेरे 
तेरी भक्ति के सागर में,
 डूबे रहते हैं प्राण मेरे 
हनुमान मेरे, हनुमान मेरे 

तुम डूबे राम की भक्ति में 
मैं डूबा तुम्हारी भक्ति में 
तुमको भी पता,मुझको भी पता 
कितनी शक्ति है भक्ति में 
तेरे दिल में है बसे हुए ,
भगवान मेरे ,श्री राम मेरे 
हनुमान मेरे ,हनुमान मेरे 

देखी सिंदूरी सिंदूरी 
मां सीताजी की मांग भरी 
पूछा तो कारण बतलाया 
इससे खुश रहते राम हरी 
तबसे सिंदूरी रंग रहते 
जिससे प्रसन्न हो राम मेरे 
हनुमान मेरे ,हनुमान मेरे 

एक दिन प्रसन्न जब हुए राम 
एक मोती माला दी इनाम 
तुमने सब मोती तोड़ दिए 
ना मिला कहीं भी राम नाम
 माला फेंकी तुम यह बोले,
 बिन राम न आएगी काम मेरे 
हनुमान मेरे ,हनुमान मेरे 

तुम भगत राम के हो प्यारे 
सब रिपु राम के संहारे 
अष्ट सिद्धि और नवनिधि की,
सब शक्ति पास है तुम्हारे 
करते उपकार सभी का हो 
तुम श्रद्धा के हो धाम मेरे 
हनुमान मेरे, हनुमान मेरे

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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