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शनिवार, 8 जून 2024

चासनी


 मैं फीका बेस्वाद था 

पाया तेरा साथ 

तेरे प्यार की चाशनी 

मुझ में लाई मिठास 

हटाई सब कटुताई 

बनाया मुझे मिठाई 


तू है बूंदी सुहानी 

प्यार भरा भरपूर 

बंध कर तेरे प्यार में 

बना मैं मोतीचूर 

भले ही बिखरा बिखरा 

साथ तेरा पा निखरा 


तरल दूध था मैं तपा 

प्यार आंच में यार 

खुद को खोया  हो गया

 खोवा बना तैयार 

स्वाद कुछ ऐसा पाया

 सभी के मन को भाया 


मैदा बना खमीर मै 

तला गया ,बन धार 

बना जलेबी चाशनी 

में डूबा हर बार 

भले ही टेड़ा मेड़ा 

स्वाद मेरा अलबेला


मदन मोहन बाहेती घोटू

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