पृष्ठ

सोमवार, 15 अप्रैल 2024

ऐसा क्या था उस भूमि में 


ऐसा क्या था उस भूमि में ,

प्रभु गोकुल में अवतार लिया 

भोले भाले बृजवासी पर ,

प्रभु तुमने यह उपकार किया

ऐसा क्या था उस भूमि में 

प्रभु गोकुल में अवतार लिया 


क्या गोकुल गांव की सब गायों 

के माथे सींग थे स्वर्ण जड़े 

क्या गोकुल गांव के ग्वाल बाल

भोले भाले थे ,भक्त बड़े 

जहां प्रेम था जसुमति मैया का 

नंद बाबा ने था दुलार दिया 

ऐसा क्या था उस भूमि में ,

प्रभु गोकुल में अवतार लिया 


गोकुल के पास था बरसाना ,

जहां प्रकटी राधा रानी थी 

राधा कान्हा की प्रेम कथा ,

एक अमर कथा बन जानी थी 

जब मुरली बजती कान्हा की

राधा ने था श्रृंगार किया 

ऐसा क्या था उसे भूमि में,

 प्रभु गोकुल में अवतार लिया 


था बृज भूमि में कुंज कुटीर

जमुना तट रास रचाने को 

गोपी की हंडिया फोड़ तुम्हें

मिलता था मक्खन खाने को 

बृज के सब गोप गोपियों ने

था तुमको इतना प्यार दिया 

ऐसा क्या था उस भूमि में 

प्रभु गोकुल में अवतार लिया 


वहां बहती थी जमुना मैया 

और हरा भरा गोवर्धन था 

हर घर छींकों में स्वाद भरा 

हांडियों  में लटकता मक्खन था 

जहां किया पूतना वध तुमने 

कंस मामा का उद्धार किया 

ऐसा क्या था उसे भूमि में 

प्रभु गोकुल में अवतार लिया 


मदन मोहन बाहेती घोटू 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।