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सोमवार, 22 जनवरी 2024

मुंबई और रजाई 


पिछले हफ्ते मैं गया था मुंबई 

वहां का मौसम था  सुरमई 

दिल्ली की सर्दी थी कंपकंपाती

वहां की धूप थी मन को भाती 

दिल्ली में अलाव जलते थे 

वहां पर दिन रात पंख चलते थे 

दिल्ली में लड़कियां गर्म कपड़ों में बदन छुपाती थी 

वहां पर लड़कियां हॉट पेंट में नजर आती थी 

हफ्ते भर मुंबई के मौसम का मजा उठाया फिर 26 डिग्री की मुंबई से 6 डिग्री की दिल्ली में लौट आया 

फिर आकर दिल्ली का मौसम का स्वाद चखा

 रजाई में दुबक कर आया बहुत मजा 

दिल्ली का सर्दी का आनंद ही निराला है रजाई के सुख से महरूम रहता मुंबई वाला है

 रजाई का सुख अवर्णनीय है, अनोखा है

यह वही जान पता है जिसने रजाई में घुसकर ये सुख चखा है 

मन को रोमांचित करते हैं दिल्ली की सर्दी के अफसाने 

क्या होता है रजाई का सुख ,यह मुंबई वाले क्या जाने 


मदन मोहन बाहेती घोटू

गुरुवार, 18 जनवरी 2024

तुम जंक फूड को ना बोलो


खाओगे ज्यादा तला भुना

मीठा गरिष्ठ अवगुणकारी 

चर्बी तन पर चढ़ जाएगी 

फूलेगी काया तुम्हारी 

इसलिए बहुत आवश्यक है 

तुम जंक फूड को ना बोलो 

हर सुबह शाम थोड़ा घूमो 

बैठे न रहो , हालो डोलो 

अच्छा लगता हो जिव्हा को

 चाहे मन के माफिक रहे 

पर त्याग करो उस खाने का 

जो सेहत को ना ठीक रहे 

मौसम के मुताबिक खान-पान

करना ही सदा उचित होता 

होता है जो सुपाच्य भोजन 

जब सादा और संतुलित होता 

यह जिव्हा बड़ी चटोरी है

इस पर लगाम है आवश्यक

मीठा न खाए,लेकिन मीठा,

बोले कोशिश करो भरसक 

मनभावन हो और गुणकारी 

वह खाना खाने मुंह खोलो 

इसलिए बहुत आवश्यक है 

तुम जंक फूड को ना बोलो


मदन मोहन बाहेती घोटू

रविवार, 7 जनवरी 2024

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बुधवार, 3 जनवरी 2024

उड़ी उड़ी नींद


पुरानी स्मृतियां ,

जब सपन बन ,

मन से जुड़ सी गई 

नींद ,कुछ उड़ सी गई 


बीते बरस की,

यादों का कोहरा 

जब छटने लगा 

प्राची में ,

नए वर्ष का सूरज 

दमकने लगा 

नई-नई आशायें 

मन में 

उमड़ सी गई 

नींद, कुछ उड़ सी गई 


चटकती कलियों का  

पाकर के 

प्रेम भरा निमंत्रण 

तितलियां उड़ने लगी,

उत्साहित भ्रमरों का 

शुरू हो गया गुंजन 

मिलन की संभावनाएं 

थोड़ी बढ़ सी गई 

नींद कुछ उड़ सी गई


मदन मोहन बाहेती घोटू