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रविवार, 6 अगस्त 2023

सच्चा सुख 

ना तो हीरे मोती में है ,ना ही चांदी और सोने में 
सच्चा सुख मिलता, पग पसार, अपने बिस्तर पर सोने में 

चाहे वो कितने थके पके, सारी थकान मिट जाती है 
अपने पलंग पर जब लेटो, तो नींद चैन की आती है 
सब परेशानियां भग जाती , मिटते जीवन के सन्नाटे 
निद्रा देवी की गोदी में ,जब आने लगते खर्राटे 
मन में शांति छा जाती है ,क्या रखा रोने धोने में 
सच्चा सुख मिलता पग पसार,अपने बिस्तर पर सोने में

भरपेट अगर भोजन कर लो , तो तन अलसाने लगता है 
पलके मुंदती,थोड़ा सरूर ,आंखों में छाने लगता है 
हो तकिया नरम सिरहाने में ,चलता हो पंखा या ऐ सी 
तुम स्वप्नलोक में उड़ते हो ,फिर दुनिया की ऐसी तैसी 
वह मजा और ही होता है, मीठे सपनों में खोने में 
सच्चा सुख मिलता पग पसार,अपने बिस्तर पर सोने में

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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