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शनिवार, 8 जुलाई 2023

मुनासिब नहीं है 

अदाएं दिखाकर बनाना दीवाना 
तरसा के हमको यूं ही बस सताना 
हर एक बात पर फिर बहाना बनाना 
किसी भी तरह से यह वाजिब नहीं है

 कभी रूठ जाना, कभी फिर मनाना 
 अपने इशारों पर हमको नचाना 
 होकर खफा तीखे तेवर दिखाना 
 दिल तोड़ देना ,मुनासिब नहीं है 
 

चोरी छुपे फिर मिलना मिलाना 
कहना हमेशा ,हमे ना ना ना ना 
तड़पता हमें देख कर मुस्कुराना 
उल्फत उसूलों मुताबिक़ नहीं है

कभी प्यार से हमसे नजरें मिलाना
कभी फिर खफा हो के नजरें चुराना 
छोटी सी बातें ,फसाना बनाना 
तुम्हारे तरीके ये वाजिब नहीं है

घोटू 

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