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रविवार, 4 जून 2023

जीने की चाहत 

मुझे जिंदगी से मोहब्बत हुई है 
अधिक लंबा जीने की चाहत हुई है 

बिमारी ने लंबी ,किया मुझको बेकल 
घिरने लगे थे निराशा के बादल 
मगर खेरख्वाओं ने हिम्मत बढ़ाई 
किरण रोशनी की मुझे दी दिखाई 
सुधर फिर से अच्छी सी सेहत हुई है 
मुझे जिंदगी से मोहब्बत हुई है 

मेरा ख्याल रखती मेरी हमसफर है 
आसां हुई जिंदगी की डगर है 
कदम मेरे अब ना रहे डगमगा है 
नया आत्मविश्वास मुझ में जगा है 
बड़े अच्छे मित्रों की संगत हुई है 
मुझे जिंदगी से मोहब्बत हुई है 

दुआओं ने सबकी असर यह दिखाया 
बुझा था जो चेहरा ,वह फिर मुस्कुराया 
फिर से नया जोश ,जज्बा मिला है 
पुराना शुरू हो गया सिलसिला है 
बुलंद हौसला और हिम्मत हुई है 
मुझे जिंदगी से मोहब्बत हुई है 

सोये थे अरमान ,सब जग गए हैं 
उड़ूं आसमां में अब पर लग गए हैं 
तमन्ना है सारे मजे मैं उठा लूं 
सभी खुशियां जीवन की ख़ुद में समालू  
ललक मौज मस्ती की जागृत हुई है 
मुझे जिंदगी से मोहब्बत हुई है

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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