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रविवार, 16 अप्रैल 2023

बुजुर्ग साथियों से 

हम बुजुर्ग हैं अनुभवी हैं और वरिष्ठ हैं 
पढ़े लिखे हैं, समझदार, कर्तव्यनिष्ठ है 
 बच्चों जैसे, क्यों आपस में झगड़ रहे हम
 अपना अहम तुष्ट करने को अकड़ रहे हम 
 हम सब तो ढलते सूरज, बुझते दिये हैं 
 बड़ी शान से अब तक हम जीवन जिये हैं 
 किसे पता, कब कौन बिदा ले बिछड़ जाएगा कौन वृक्ष से ,फूल कौन सा ,झड़ जाएगा 
 इसीलिए जब तक जिंदा , खुशबू फैलाएं 
 मिल कर बैठे हंसी खुशी आनंद मनाएं 
 आपस की सारी कटुता को आज भुलाएं 
 रहें प्रेम से और आपस में हृदय मिलाएं 
 अबकी बार हर बुधवार 
 ना कोई झगड़ा ना तकरार 
 केवल बरसे प्यार ही प्यार

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