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सोमवार, 24 अप्रैल 2023

लकीरों का खेल 

कोई अमीर है ,कोई गरीब है 
कोई पास है ,कोई फेल है 
यह सब किस्मत की लकीरों का खेल है 
कहते हैं आपका हाथ, जगन्नाथ है,
पर असल में हाथ नहीं, हाथ की लकीरें जगन्नाथ होती है 
जो आपकी जिंदगी में आपका भविष्य संजोती है 
कुछ लकीरें  सीधी तो कुछ  वक्र होती है 
ये हाथों की लकीरें ही जीवन का चक्र होती है 
जो पूर्व जन्म के कर्मों के से हाथ पर बनती है 
और इस जन्म के कर्मों के अनुसार बनती और बिगड़ती है 
कहते हैं किसी भी आदमी के अंगूठे की सूक्ष्म लकीरें ,
दुनिया के किसी अन्य आदमी से नहीं मिलती है 
जीवन पथ की लकीरें टेढ़ी-मेढ़ी ऊंची नीची हुआ करती है ,
जो कई मोड़ से गुजरती है 
ये लकीरें गजब की चीज है ,
चिंता हो तो माथे पर लकीरें खिंच जाती हैं 
बुढ़ापा हो तो शरीर पर झुर्रियां बनकर बिछ जाती है 
औरत की मांग में भरी सिंदूर की लकीर
 सुहाग का प्रतीक है 
 नयनों को और कटीला बनाती काजल की लीक है 
 कुछ लोगों के लिए पत्नी की आज्ञा पत्थर की लकीर होती है 
 नहीं मानने पर बड़ी पीर होती है 
 लक्ष्मण रेखा को पार करने से, हो जाता है सीता का हरण 
 मर्यादा की रेखा में रहना ,होता है सुशील आचरण 
 कुछ लोग लकीर के फकीर होते हैं 
 पुरानी प्रथाओं का बोझ जिंदगी भर ढोते हैं 
 कुछ लोग सांप निकल जाता है पर लकीर पीटते रहते हैं 
 कुछ पुरानी लकीरों पर खुद को घसीटते रहते हैं भाई भाई जो साथ-साथ पलकर बड़े होते हैं 
 धन दौलत और जमीन के विवाद में उनमें जब लकीर खिंच जाती है ,
 तो अदालत में एक दूसरे के सामने खड़े होते हैं 
 ये लकीरें बड़ा काम आती है 
 बड़े-बड़े प्रोजेक्ट का नक्शा लकीरें ही बनाती है दुनिया के नक्शे में लकीरें सरहद बनाती है 
 नारी के शरीर की वक्र रेखाएं,
 उसे बड़ी मनमोहक बनाती है 
 अच्छा यह है कि हम 
 भाई बहनों के बीच 
 यार दोस्तों के बीच
 पति-पत्नी के बीच 
 विवाद की कोई लकीर खींचने से बचें 
 और चेहरे पर मुस्कान की लकीर लाकर 
 सुख से रहें और हंसे

मदन मोहन बाहेती घोटू

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