पृष्ठ

रविवार, 30 अप्रैल 2023

तारा जी के जन्मदिवस पर 

तुम छिहत्तर, मैं इक्यासी
 प्यार हमारा, हुआ न बासी
 
 प्रिय, तुमने मुझको जीवनभर 
 दिए खुशी के कितने ही पल 
 
 आज तुम्हारे जन्मदिवस पर 
 चाहूं लौटाना , दूने कर 
 
 ऐसा कुछ दूं,जो मन भाए 
 तुम्हारा श्रृंगार बढ़ाएं 
 
 जिसे देख कर मन हर्षाये 
 और खुशी चेहरे पर छाये
 
 हीरक हार , भेंट है तुमको 
 मेरा प्यार ,भेंट है तुमको
 
 गोरे तन पर स्वर्ण दमकता
 हर हीरे में, प्यार चमकता 
 
 जैसे गले लगाया मुझको
 गले लगा कर रखना इसको

मदन मोहन बाहेती 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।