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रविवार, 9 अक्टूबर 2022

मास्क चढ़ा है  

असली चेहरा नजर न आता 
हर चेहरे पर मास्क के चढ़ा है 
मुंह से राम बोलने वाला ,
छुरी बगल के लिए खड़ा है 

ऊपर जो तारीफ कर रहा 
पीछे से देता है गाली 
कहता है वह सत्यवान है,
 पर करता करतूतें काली 
 खुद को दूध धुला बतला कर ,
महान बताने लिए अड़ा है 
असली चेहरा नजर आता
 हर चेहरे पर मास्क चढ़ा है 
 
तुम्हारा शुभचिंतक बन कर 
 करे तुम्हारी ऐसी तैसी 
 मुश्किल अब पहचान हो गई 
 कौन है बैरी, कौन हितेषी 
 बहुत दोगले इन लोगों से,
 हमको खतरा बहुत बड़ा है
 असली चेहरा नज़र न आता
 हर चेहरे पर मास्क चढ़ा है

होते लोग बहुत शातिर कुछ,
पर दिखते हैं सीधे सादे
औरों का नुक्सान न देखे,
स्वार्थ सिर्फ अपना ही साधे
ऐसे मतलब के मारों से,
किसका पाला नहीं पड़ा है
असली चेहरा नज़र न आता ,
हर चेहरे पर मास्क चढ़ा है

मदन मोहन बाहेती घोटू 
 
 

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