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सोमवार, 5 सितंबर 2022

श्री कृष्ण जी के जीवन से
 सीखो कैसे जीवन जीते 
मस्ती भरा हुआ हो बचपन 
यौवन संघर्षों में बीते 
और बुढ़ापा सागर तीरे ,
पड़े काटना तनहाई में 
जब परिवार के भाई बंधु,
 उलझे आपस की लड़ाई में 
 
बचपन में नन्हे कान्हा सा ,
प्यार यशोदा मां का पाओ
गोप गोपियों के संग खेलो ,
हांडी फोड़ों ,माखन खाओ 
राधा संग प्रेम में डूबो,
 वृंदावन में रास रचाओ
 और बजा मधुर मुरली की ताने,
  ब्रज में प्यार सभी का पाओ

  फिर यौवन में कंस हनन कर ,
  राजनीति के बनों खिलाड़ी 
  जरासंध और शिशुपाल पर 
  पड़ो सुदर्शन लेकर भारी 
  कौरव पांडव के झगड़ों में
  बन मध्यस्थ उन्हें निपटाओ
महाभारत में बनो सारथी,
ना कोई भी शस्त्र उठाओ

और फिर जब इन संघर्षों से
लगे ऊबने तुम्हारा मन
तो फिर शान्ति की तलाश में,
सागर तट पर काटो जीवन  
बसा द्वारका सुंदर नगरी,
राज करो उसके शासक बन
 इतना प्यार लुटाओ सब में 
 पूजे लोग ,मान कर भगवन 
 
शांति पूर्वक कटे बुढ़ापा 
अंत समय तुम रहो अकेले
साथ नहीं हो संगीसाथी,
जिनके लिए कष्ट सब झेले
अपनो के ही तीरों हो,
चोटिल परमधाम को जाओ
नटखट बचपन उलझा यौवन
जीवन अपना यूं ही बिताओ

मदन मोहन बाहेती घोटू

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