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शुक्रवार, 19 अगस्त 2022

जीवन पथ

मैं जब इस दुनिया में आया 
प्रभु ने जीवन मार्ग बताया 
जिस रस्ते पर चले महाजन
उस पथ का तुम करो अनुसरण 
मैंने तुम्हें चुना मुरलीधर
और तुमको आदर्श मानकर
किया वही तुमने जो किया 
तुम जैसा ही जीवन जिया 
जीवन पद्धति को अपनाया
 दूध दही और मक्खन खाया 
 गोपी सर की हंडिया फोड़ी
  घर-घर जा,की माखन चोरी 
  मैंने दूध दही और माखन 
  खाकर किया बदन का पोषण 
  छेड़छाड़ का मजा उठाया
   प्यार गोपियों का भी पाया 
   किया बांसुरी का भी वादन 
   और चुराया राधा का मन 
   अपनी गर्लफ्रेंड के संग में 
   मैं भी रंगा रास के रंग में 
   सच वह दिन से बड़े सुहान
    फिर फिर हम होने लगे सयाने 
    मथुरा छोड़ गए तुम गोकुल 
   कॉलेज गया छोड़ मै स्कूल 
    राजकाज तुम रहे हो उलझ कर
    मैं भी बना बड़ा एक अफसर
    और रिटायर होने पहले 
    तूने त्यागे सभी झमेले 
    सब लड़ाईया छोड़ी छाड़ी
     राजनीति का बना खिलाड़ी 
     महासमर में महाभारत के 
    लिप्त रहा पर सबसे बचके
    तूने ना हाथियार उठाया 
    कूटनीति से काम चलाया 
    गीता का उपदेश सुना कर 
    दूर किया अर्जुन का सब डर
    सागर तीरे बसा द्वारका 
    दिया संदेशा तूने प्यार का 
    और द्वारकाधीश कहाया
     सबके मन को बहुत लुभाया
      देव पुरुष तू महान हो गया 
      हम सब का भगवान हो गया 
      मैंने भी गोवा के तट पर 
      कोठी एक बनाई सुंदर 
      सपने पूर्ण किए सब मन के 
      सारे सुख भोगे जीवन के 
      तुझमें मुझमें बस ये अंतर
      आठ पत्नियों का पति बन कर
      तूने सारी उमर गुजारी
      मै रह कर एक पत्नी धारी
      बड़ी शांति से मैं जिया
      और प्यार का अमृत पिया
      फिर भी प्रभु धन्यवाद तुम्हारा
      जीवन काटा सुन्दर प्यारा
      तेरे चरण चिन्ह पर चल कर
      जीवन जिया बहुत मनोहर

मदन मोहन बाहेती घोटू 
    
    

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