पृष्ठ

रविवार, 26 सितंबर 2021

क्यों

 जिसमें होती अक्ल जरा कम ,
 उसे कम अक्ल कहते हैं सब,
  तो क्यों मंद अक्ल वाले को 
  कहते अकलमंद और ज्ञानी 
  
  कलम रखो वह कलमदान है,
   फूल रखो वह फूल दान है ,
   पास फटकने ना दे मच्छर 
   क्यों कहलाती मच्छरदानी 
   
   जिसका चेहरा भाव शून्य हो 
   लगती हो पत्थर की मूरत 
   आती जिसको कभी हंसी ना,
    मगर हसीना वह कहलाती 
    
    जोर नहीं कमजोर ठीक है, 
    होती जिसमें कोई कमी ना ,
    मगर कमीना कहलाता है
    बात समझ में यह ना आती

घोटू

1 टिप्पणी:

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।