पृष्ठ

गुरुवार, 16 सितंबर 2021

जियो आत्मा सम्मान से

जब तक जीवन है तुम जियो शान से 
समझौता मत करो  आत्मसम्मान से 

अगर आत्मविश्वास हृदय में खास है 
धीरज की पूंजी, जो तुम्हारे पास है 
रखो हौसला ,लड़ लोगे तूफान से 
समझौता मत करो आत्म सम्मान से 

औरों में क्या कमियां है यह मत ताको
पहले अपने गिरेबान में तुम  झांको
उन्हें सुधारो , जियोगे आसान से 
समझौता मत करो आत्मसम्मान से 

लोग कहेंगे क्या, इस पर तुम ध्यान न दो 
बकवासों पर दुनिया की तुम कान न दो 
सुनो ,निकालो उसे दूसरे कान से 
समझौता मत करो आत्मसम्मान से 

आसपास की हर हरकत पर नजर रखो 
चौकन्ने से रहो ,सभी की खबर रखो 
क्या होता है ,रहो नहीं अनजान से 
समझौता मत करो आत्मसम्मान से 

नहीं किसी से बैर कोई भी मन में हो 
मिलनसारिता, प्रेम भाव जीवन में हो 
करो मदद कमजोरों की, जी जान से 
समझौता मत करो आत्मसम्मान से 

सार हीन संसार ,करो सत्कर्म सदा 
परोपकार को मानो अपना धर्म सदा 
नाम तुम्हारा होगा अच्छे काम से 
समझौता मत करो आत्मसम्मान से

मदन मोहन बाहेती घोटू

1 टिप्पणी:

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।