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शुक्रवार, 6 अगस्त 2021

तेरी जय जय 

 तू तारों सी झिलमिल झिलमिल 
 तू चंदा सी चम चम चम चम 
 मस्त हवा सी शीतल शीतल 
खिली धूप सी आंगन आंगन 

तू पर्वत की ऊंची ऊंची 
तू गहरी गहरी सागर सी
 तू बादल सी भरी-भरी सी 
 दिल पर छाई नीलांबर सी 
 
तू गंगा सी निर्मल निर्मल 
तू नदिया सी बहती कलकल
तू झरने सी झरती झर झर  
प्यार बरसता क्षण क्षण पल पल 

तेरा मन है सावन सावन 
 बरसा करती रिमझिम रिमझिम 
 तेरी छवि है नयन नयन में ,
 श्वास श्वास में तेरी सरगम
 
तू राधा की भोली भोली
तू कान्हा सी माखन माखन 
तेरी खुशबू मधुबन मधुबन 
महक रही तू चंदन चंदन 

खिली कली सी नवल नवल तू 
तू गुलाब सी कोमल कोमल
 तेरा तन है कंचन कंचन 
 तेरा मन है चंचल चंचल 
 
सरस्वती सी सरस सरस तू 
तू लक्ष्मी सी वैभव वैभव 
तू दुर्गा सी निर्भय निर्भय 
तेरी जय जय तेरी जय जय

मदन मोहन बाहेती घोटू

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